भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ (Schedules of Indian Constitution)

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भारतीय संविधान की अनुसूचियों  के बारे में बताने वाली यह पोस्ट विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कृपया इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ें। अपने सभी जानने वालों तक शेयर भी करें।{alertSuccess}

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भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ (Schedules of Indian Constitution)


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आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आये हैं “संविधान सीरीज़” के अंतर्गत भारतीय संविधान से जुड़े कुछ फैक्ट्स जो विभिन्न सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

तो आइए, आज की इस पोस्ट को शुरू करते हैं। 

जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसे सुचारू और व्यवस्थित रखने के लिए इसमें विभिन्न अनुसूचियाँ (Schedules) जोड़ी गई हैं। संविधान की मूल रूप से 8 अनुसूचियाँ थीं, लेकिन बाद में संशोधनों के माध्यम से इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई। हर अनुसूची का अपना महत्व है और यह संविधान की जटिलताओं को सरल ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करती है।

संविधान की अनुसूचियाँ

1. प्रथम अनुसूची (First Schedule)


इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची दी गई है।
इनके क्षेत्र, सीमाएँ और गठन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।

2. द्वितीय अनुसूची (Second Schedule)


इसमें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, न्यायाधीश, लोकसभा/राज्यसभा के सभापति और उपसभापति आदि के वेतन, भत्ते और विशेषाधिकारों का विवरण है।

3. तृतीय अनुसूची (Third Schedule)


इसमें केंद्र और राज्य के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, न्यायाधीशों आदि द्वारा लिए जाने वाले शपथ और पद की शपथ का उल्लेख है।

4. चतुर्थ अनुसूची (Fourth Schedule)


इसमें राज्यसभा में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व (सीटों का आवंटन) तय किया गया है।

5. पंचम अनुसूची (Fifth Schedule)


इसमें अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित प्रावधान हैं।

6. षष्ठम अनुसूची (Sixth Schedule)


इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम जैसे राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन शामिल है।
इन क्षेत्रों में स्वायत्त जिला परिषदों के गठन और अधिकारों का विवरण है।

7. सप्तम अनुसूची (Seventh Schedule)


इसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है।

तीन सूचियाँ शामिल हैं:

  • संघ सूची (Union List) – केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है।
  • राज्य सूची (State List) – केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है।
  • समवर्ती सूची (Concurrent List) – केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं।

8. अष्टम अनुसूची (Eighth Schedule)


इसमें भारत की मान्यता प्राप्त भाषाओं का उल्लेख है।
वर्तमान में 22 भाषाएँ इस सूची में शामिल हैं (शुरुआत में केवल 14 थीं)।

9. नवम अनुसूची (Ninth Schedule)


इसमें जमीन सुधार कानूनों और अन्य कुछ कानूनों को रखा गया है, ताकि इन्हें न्यायिक समीक्षा से बचाया जा सके।

हालाँकि 1973 के केशवानंद भारती केस और 2007 के आई.आर. कोएल्हो केस के बाद अब नौवीं अनुसूची के कानून भी न्यायिक समीक्षा के अधीन आते हैं।

10. दशम अनुसूची (Tenth Schedule)


इसे आमतौर पर दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) कहा जाता है।
इसमें सांसदों और विधायकों के दल-बदल से संबंधित प्रावधान हैं।

11. एकादश अनुसूची (Eleventh Schedule)


इसमें पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों और जिम्मेदारियों का उल्लेख है।
इसमें 29 विषय सूचीबद्ध हैं।

12. द्वादश अनुसूची (Twelfth Schedule)


इसमें नगर पालिकाओं की शक्तियों और कार्यों का विवरण है।
इसमें 18 विषय शामिल हैं।

आपने क्या सीखा


  1. भारतीय संविधान में वर्तमान में 12 अनुसूचियाँ हैं।
  2. पहली अनुसूची में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का विवरण है।
  3. दूसरी अनुसूची में उच्च पदाधिकारियों के वेतन और भत्ते आते हैं।
  4. तीसरी अनुसूची में शपथ-पत्र शामिल है।
  5. चौथी अनुसूची में राज्यसभा की सीटों का बंटवारा है।
  6. पाँचवीं और छठी अनुसूची जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से जुड़ी हैं।
  7. सातवीं अनुसूची में संघ, राज्य और समवर्ती सूची दी गई है।
  8. आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं।
  9. नौवीं अनुसूची का उद्देश्य जमीन सुधार कानूनों को न्यायिक समीक्षा से बचाना था।
  10. दसवीं अनुसूची दल-बदल विरोधी कानून है।
  11. ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायती राज के 29 विषय हैं।
  12. बारहवीं अनुसूची में नगर पालिकाओं के 18 विषय शामिल हैं।

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