भारतीय इतिहास के स्रोत, भाग - 2, ऐतिहासिक स्रोत | इतिहास सीरीज़ पोस्ट - 03 | विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण || Sources of Indian History, Part - 2, Historical Sources | History Series post - 03 | Important for various Competitive Exams

हमारी ‘इतिहास सीरीज़’ की पिछली पोस्ट में आपने भारतीय इतिहास के धार्मिक स्रोतों (धार्मिक साहित्य) के बारे में पढ़ा था। आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए भारतीय इतिहास के ऐतिहासिक स्रोतों (लौकिक साहित्य) के बारे में जानकारी लेकर आये हैं।

दोस्तों, विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ‘सामान्य अध्ययन’ विषय के अंतर्गत इतिहास खंड की बेहतर तैयारी के लिए हमने हाल ही में अपने ब्लॉग में ‘इतिहास सीरीज़’ की शुरुआत की है। इस सीरीज़ के अंतर्गत हम आपके लिए लेकर आते हैं इतिहास के चौप्टर वाइज़ नोट्स और महत्वपूर्ण वन लाइनर जो एसएससी, रेलवे जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

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आइये... इतिहास सीरीज़ के आज की पोस्ट को शुरू करते हैं!


 


 
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ऐतिहासिक ग्रंथों की सूची


  • ऐतिहासिक ग्रंथ - कौटिल्य रचित अर्थशास्त्र, कल्हण रचित राजतरंगिणी, अली अहमद रचित चचनामा, पाणिनी रचित अष्टाध्यायी, कत्यायन रचित गार्गी संहिता, पतंजली रचित महाभाष्य आदि।

ऐतिहासिक ग्रंथों का विस्तृत विवरण

  • अर्थशास्त्र - चाणक्य (विष्णुगुप्त/कौटिल्य) द्वारा रचित।
    • मौर्यकालीन राजनीति, समाज और आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलती है।
    • पुस्तक में 15 भाग या अधिकरण और 180 अध्याय या प्रकरण हैं।
    • पुस्कत की भाषा संस्कृत है।
  • राजतरंगिणी - कल्हण द्वारा रचित।
    • पुस्तक की भाषा संस्कृत है।
    • इसमें कश्मीर के इतिहास का क्रमबद्ध विवरण मिलता है।
  • चचनामा - अली अहमद द्वारा रचित।
    • पुस्तक की भाषा अरबी है।
    • इसमें अरबों के सिंध-विजय के बारे में लिखा गया है।
  • अष्टाध्यायी - पाणिनी द्वारा रचित।
    • इसे संस्कृत व्याकरण का प्रथम ग्रंथ कहा जाता है।
    • इस पुस्तक में मौर्यकाल और उसके पहले के काल की जानकारी मिलती है।
 

यह भी पढ़ें :- भारतीय संविधान के ऐतिहासिक स्रोत 

  • गार्गी संहिता - कात्यायन द्वारा रचित।
    • इस पुस्तक में ज्योतिष विद्या तथा भारत पर होने वाले यवन (ग्रीक) आक्रमण की जानकारी मिलती है।
  • महाभाष्य - पतंजलि (पुष्यमित्र शुंग के पुरोहित) द्वारा रचित।
    • इस पुस्तक से शुंगों की जानकारी मिलती है।
    • इसे पाणिनी रचित ‘अष्टाध्यायी’ की टीका भी कहा जाता है।

आज आपने क्या सीखा (महत्वपूर्ण वन लाइनर)?

  1. अर्थशास्त्र नामक ग्रंथ किसके द्वारा रचित है? - चाणक्य (अन्य नाम - विष्णुगुप्त या कौटिल्य)
  2. मौर्यकालीन राजनीति, समाज और आर्थिक स्थिति की जानकारी किस ग्रंथ से मिलती है? - अर्थशास्त्र से
  3. राजतरंगिणी नामक ग्रंथ किसके द्वारा रचित है? - कल्हण द्वारा
  4. राजतरंगिणी में किसका विवरण मिलता है? - कश्मीर के इतिहास का
  5. अष्टाध्यायी किसकी रचना है? - पाणिनी की
  6. अष्टाध्यायी में किसका विवरण मिलता है? - संस्कृत व्याकरण और मौर्य काल तथा उससे पहले के समय का
  7. संस्कृत व्याकरण का प्रथम ग्रंथ किसे कहा जाता है? - अष्टाध्यायी
  8. पाणिनी रचित अष्टाध्यायी की टीका किस ग्रंथ को कहा जाता है? - महाभाष्य
  9. भारत पर होने वाले यवन (ग्रीक) आक्रमण की जानकारी किस ग्रंथ से मिलती है? - गार्गी संहिता
  10. शुंगों की जानकारी किस ग्रंथ से मिलती है? - महाभाष्य
  11. गार्गी संहिता के रचयिता कौन थे? - कात्यायन
  12. पुष्यमित्र शुंग के पुरोहित कौन थे? - पतंजलि

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