भारतीय इतिहास के स्रोत, भाग - 1, धार्मिक स्रोत | इतिहास सीरीज़ पोस्ट - 02 | विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण || Sources of Indian History, Part - 1, Religious Sources | History Series post - 02 | Important for various Competitive Exams

दोस्तों, विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाने वाले ‘सामान्य अध्ययन’ विषय के अंतर्गत इतिहास खंड की बेहतर तैयारी के लिए हमने हाल ही में अपने ब्लॉग में ‘इतिहास सीरीज़’ की शुरुआत की है। इस सीरीज़ के अंतर्गत हम आपके लिए लेकर आते हैं इतिहास के चैप्टर वाइज़ नोट्स और महत्वपूर्ण वन लाइनर जो एसएससी, रेलवे जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। आज की इतिहास सीरीज़ की इस पोस्ट में हमने आपके लिए ‘भारतीय इतिहास के कुछ प्रमुख स्रोतों’ के बारे में जानकारी दी है।

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आइये... इतिहास सीरीज़ के आज की पोस्ट को शुरू करते हैं!


 

 
 
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इतिहास के कालखंडों का परिचय


  • इतिहास के कालखंड (प्राचीनकाल, मध्यकाल, आधुनिक काल) का विभाजन अतीत में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं के आधार पर किया जाता है।
  • ऐसी बड़ी घटनाएँ समाज, अर्थव्यवस्था और राजव्यवस्था पर अपना व्यापक असर डालती हैं जिसके आधार पर कालखंडों का विभाजन किया जाता है।
  • प्राचीनकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत उस कालखंड पर विचार किया जाता है जब भारतीय भूभाग पर भारतीय शासकों का शासन था।
  • मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत उस कालखंड पर विचार किया जाता है जब भारत पर मुस्लिम शासन का प्रभाव था। इसमें प्रथम सफल मुस्लिम आक्रमण, मुस्लिम शासकों के दौर जैसे-दिल्ली सल्तनत तथा मुगल शासन को शामिल किया जाता है।
  • आधुनिक भारतीय इतिहास के अंतर्गत उस कालखंड पर विचार किया जाता है जब भारत पर यूरोपीय कंपनियों का आगमन शुरू हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं आजादी की लड़ाई आदि को इस कालखंड में शामिल किया जाता है।

भारत - एक परिचय

 
भारत का नामकरण - समय समय पर अलग अलग व्यक्तियों/समूहों द्वारा भारत अलग-अलग नाम दिए गए थे। भारतीय महाकाव्यों तथा पुराणों में इसे ‘भारतवर्ष’ कहा गया है जिसका अर्थ ‘राजा भरत का देश’ होता है। कुछ स्रोत राजा भरत के स्थान पर भरत नाम के कबीले का उल्लेख करते हैं। यहाँ के निवासियों को ‘भारती’ या ‘भरत की संतान’ कहा गया है।

यूनानी स्रोत भारत को ‘इंडिया’ नाम देते हैं। यूनानियों ने सिंधु नदी का नाम ‘इंडस’ और इसके पार के भूभाग का नाम ‘इंडिया’ रखा था। ठीक इसी प्रकार से मुस्लिम इतिहासकार भारत को प्रायः ‘हिन्दुस्तान’ नाम देते हैं।


भारतीय इतिहास की जानकारी के स्रोत


प्राचीनकाल की घटनाओं के बारे में मुख्यतः चार स्रोतों पर विचार किया जाता है -
  1. धर्म ग्रंथ - इसके अंतर्गत वेद, ब्राह्मण ग्रंथ, पुराण, वेदांग, उपनिषद, स्मृति ग्रंथ, धर्मसूत्र, अरण्यक, जैन साहित्य, बौद्ध साहित्य आदि स्रोत आते हैं। ये सम्मिलित रूप से धार्मिक साहित्य कहलाते हैं।
  2. ऐतिहासिक ग्रंथ - इसके अंतर्गत कौटिल्य रचित अर्थशास्त्र, कल्हण रचित राजतरंगिणी, अली अहमद रचित चचनामा, पाणिनी रचित अष्टाध्यायी, कत्यायन रचित गार्गी संहिता, पतंजली रचित महाभाष्य आदि स्रोत आते हैं। इन्हें लौकिक साहित्य भी कहा जाता है।
  3. विदेशी स्रोत - इसके अंतर्गत समय समय पर भारत की यात्रा पर आये विदेशियों द्वारा भारत के सन्दर्भ में रचित लेख या साहित्य शामिल किये जाते हैं जैसे मेगस्थनीज़ रचित ‘इंडिका’ आदि।
  4. पुरातत्व संबंधी साक्ष्य - इसके अंतर्गत पुरातत्व सम्बन्धी खोज के प्रमाण शामिल किये जाते हैं जैसे सिक्के, अभिलेख आदि।

धार्मिक साहित्य - वेद


  • वेदों को भारत का सबसे प्राचीन धर्मग्रंथ माना जाता है।
  • वेदों के संकलनकर्त्ता - महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास
  • वेदों की संख्या - चार (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद)
  • सबसे पुराना वेद - ऋग्वेद
  • सबसे नवीनतम वेद - अथर्ववेद
  • ऋग्वेद का अर्थ - ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान का संग्रह
    • ऋग्वेद के अंतर्गत 10 मंडल, 1,028 सूक्त तथा 10,462 ऋचाएँ शामिल हैं।
    • इंद्र को समर्पित ऋचाएँ - 250 (ऋग्वेद में सबसे महत्वपूर्ण देवता इंद्र हैं)।
    • अग्नि को समर्पित ऋचाएँ - 200 (ऋग्वेद में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण देवता अग्नि हैं)।
    • ऋग्वेद का पाठ करने वाले ऋषि होतृ कहलाते हैं।
    • महर्षि विश्वामित्र द्वारा रचित मंडल - तीसरा मंडल (सूर्य देवता को समर्पित ‘गायत्री मंत्र’ तीसरे मंडल में मिलता है)
    • ऋग्वेद के आठवें मंडल में हस्तलिखित ऋचाएँ मिलती हैं। इन ऋचाओं को ‘खिल’ कहा जाता है।
    • ऋग्वेद का नौवाँ मंडल ‘सोम देवता’ को समर्पित है। इस मंडल में सोमरस (एक प्रकार का शक्तिवर्धक पेय जिसे युद्ध के समय पीया जाता था। सोमरस शराब नहीं होता है।) का उल्लेख मिलता है।
    • ऋग्वेद के दसवें मंडल में चतुष्वर्ण्य समाज की जानकारी मिलती थी। समाज चार वर्णों - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र में विभाजित होता था और यह विभाजन कर्म आधारित होता था।
    • ब्राह्मण वर्ण का कार्य शिक्षा, क्षत्रिय वर्ण का कार्य रक्षा, वैश्य वर्ण का कार्य व्यापार और शूद्र वर्ण का कार्य सेवा होता था। चारों वर्णों के कार्यों की जानकारी ‘धर्मसूत्र’ में बतायी गयी है।
    • ऋग्वेद से आर्यों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
    • प्राचीन इतिहास के साधन के रूप में वैदिक साहित्य में ऋग्वेद के बाद शतपथ ब्राह्मण का स्थान है।
  • सामवेद -
    • सामवेद का अर्थ - गायी जा सकने वाली ऋचाओं का संकलन
    • सामवेद को भारतीय संगीत का जनक कहा जाता है।
    • सामवेद का पाठकर्ता उद्रातृ कहलाता है।
  • यजुर्वेद -
    • यजुर्वेद में यज्ञ से संबंधित कर्मकाण्ड के नियम दिये गये हैं।
    • इसे वैदिक कर्मकाण्ड के नियमों का संकलन भी कहते हैं।
    • यजुर्वेद के पाठकर्ता को अध्वर्यु कहा जाता है।
    • यह गद्य और पद्य दोनों रूपों में है।
  • अथर्ववेद -
    • अथर्ववेद के रचयिता अथर्वा ऋषि थे एवं इनके नाम पर ही अथर्ववेद का नाम पड़ा है।
    • यह सबसे आखिर में लिखा गया वेद है।
    • रोग-निवारण, तंत्रमंत्र, जादू-टोना, विवाह, अंधविश्वास आदि विषयों पर जानकारी मिलती है।
    • दो संस्थाओं सभा और समिति का उल्लेख मिलता है जो राजा के निर्णय को प्रभावित करती है। अथर्ववेद में इन्हें प्रजापति की दो पुत्रियों के रूप में बताया जाता है।

धार्मिक साहित्य - वेदांग/सूत्र साहित्य


वेदांगों की संख्या छः है। इनकी रचना वेदों के जटिल विषयों को समझने के उद्देश्य से की गयी है।
वेदांग एवं उनके विषय:-
  1. शिक्षा - उच्चारण
  2. कल्प - रस्म और समारोह
  3. व्याकरण - व्याकरण
  4. निरुक्त - शब्दों की उत्पत्ति
  5. छंद
  6. ज्योतिष

धार्मिक साहित्य - पुराण


  • भारतीय ऐतिहासिक कथाओं का सबसे अच्छा क्रमबद्ध विवरण पुराणों में मिलता है।
  • इनके रचयिता महर्षि लोमहर्ष एवं उनके पुत्र उग्रश्रवा को माना जाता है।
  • पुराणों की भाषा संस्कृत है। इनमें संस्कृत भाषा में श्लोक लिखे गये हैं।
  • स्त्रियों एवं शूद्रों को पुराण पढ़ने की अनुमति नहीं थी। वे केवल इसे सुन सकते थे।
  • पुराणों के पाठकर्ता को पुजारी कहा जाता था।
  • पुराणों की संख्या 18 है।
  • प्रमुख पुराण एवं उनमें मिलने वाले राजाओं की वंशावली:-
    • मतस्य पुराण (सबसे पुराना पुराण) - आंध्र सातवाहन वंश
    • विष्णु पुराण - मौर्य राजवंश
    • वायु पुराण - गुप्त राजवंश
    • ब्राह्मण पुराण (महापुराण के रूप में प्रचलित) - पुरू वंश
    • भागवत् पुराण - श्री कृष्ण भक्ति

धार्मिक साहित्य - ब्राह्मण ग्रंथ


ब्राह्मण ग्रंथों को वेदों का भाग कहा जाता है। इनमें विभिन्न कर्मकाण्डों की विधि दी गयी है।

विभिन्न वेदों से संबंधित ब्राह्मण ग्रंथ:-

क्रम संख्या वेद का नाम ब्राह्मण ग्रन्थ का नाम
01 ऋग्वेद ऐतरेय ब्राह्मण, कौषीतकि ब्राह्मण
02 यजुर्वेद - शुक्ल यजु॰ शतपथ ब्राह्मण (स्त्री को पुरुष की अर्धांगिनी कहा गया है)
03 यजुर्वेद - कृष्ण यजु॰ तैतरीय ब्राह्मण
04 सामवेद जैमिनीय ब्राह्मण
05 अथर्ववेद गोपथ ब्राह्मण

धार्मिक साहित्य - अन्य वैदिक साहित्य


  • मैत्रेयनी संहिता - स्त्री की सर्वाधिक गिरी हुई स्थिति का वर्णन किया गया है। स़्त्री को पुरुष के तीन दोषों में से एक बताया गया है। पुरुष के तीन दोष - जुआ, शराब, स्त्री
  • मनुस्मृति - यह सबसे प्राचीन स्मृति ग्रंथ है। इसका संबंध शुंग काल से है।
  • नारद स्मृति - इस स्मृति ग्रंथ का संबंध गुप्त वंश से है।

धार्मिक साहित्य - बौद्ध साहित्य


  • जातक - भगवान बुद्ध के पूर्व जन्म की कथाओं का संग्रह
  • त्रिपिटक - यह तीन ग्रंथों ‘विनयपिटक’, ‘सूत्रपिटक’ तथा ‘अभिदम्भपिटक’ का संग्रह है जिनकी भाषा पालि है।
  • कथावस्तु - भगवान बुद्ध का जीवन चरित्र (बौद्ध धर्म के हीनयान शाखा की प्रमुख पुस्तक)

धार्मिक साहित्य - जैन साहित्य


  • आगम - जैन साहित्य को आगम कहा जाता है। इसके 12 भाग होते हैं जिन्हें अंग कहा जाता है।
  • भगवती सूत्र - महावीर स्वामी के जीवनकृत्यों का संकलन
  • कल्पसूत्र - जैन धर्म का प्रारंभिक इतिहास

आज आपने क्या सीखा (महत्वपूर्ण वन लाइनर)?

  1. कालखंड के आधार पर इतिहास के विभाजन (प्राचीनकाल, मध्यकाल, आधुनिक काल) के विभाजन का आधार क्या है? - महत्वपूर्ण घटनाएँ
  2. प्राचीनकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत किस कालखंड पर विचार किया जाता है? - भारतीय भूभाग पर भारतीय शासकों का शासन
  3. मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अंतर्गत किस कालखंड पर विचार किया जाता है? - भारतीय भूभाग पर मुस्लिम आक्रमण एवं शासन
  4. आधुनिक भारतीय इतिहास के अंतर्गत किस कालखंड पर विचार किया जाता है? - भारतीय भूभाग पर यूरोपीय शासन एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
  5. भारत का नाम ‘भारत’ क्यों रखा गया? - राजा भरत के नाम पर
  6. भारत को ‘इंडिया’ नाम किनके द्वारा दिया गया? - यूनानियों द्वारा
  7. प्राचीनकाल की घटनाओं को जानने के प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं? - धर्म ग्रंथ, ऐतिहासिक ग्रंथ, विदेशी लेखकों द्वारा रचित ग्रंथ एवं लेख तथा पुरातत्व संबंधी साक्ष्य
  8. भारत के सबसे प्राचीन धर्मग्रंथ कौन से हैं? - वेद
  9. सबसे प्राचीन वेद कौन सा है? - ऋग्वेद
  10. सबसे नवीनतम वेद कौन सा है? - अथर्ववेद
  11. वेदों की संख्या कितनी है? - चार
  12. प्राचीनकाल के इतिहास के साधन के रूप में ऋग्वेद के बाद किस धार्मिक ग्रंथ का स्थान है? - शतपथ ब्राह्मण
  13. वेदों के संकलनकर्त्ता किन्हें माना जाता है? - महर्षि वेदव्यास (पूरा नाम - महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास)
  14. ऋग्वेद में सबसे महत्वपूर्ण देवता कौन हैं? - देवता इंद्र (250 ऋचाएँ समर्पित)
  15. ऋग्वेद में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण देवता कौन हैं? - देवता अग्नि (200 ऋचाएँ समर्पित)
  16. ऋग्वेद में क्या-क्या शामिल है? - 10 मंडल, 1048 सूक्त तथा 10462 ऋचाएँ
  17. ऋग्वेद का कौन सा मंडल सूर्य देवता को समर्पित है? - महर्षि विश्वामित्र रचित तीसरा मंडल
  18. सुप्रसिद्ध गायत्री मंत्र ऋग्वेद के किस मंडल में मिलता है? - तीसरे मंडल में
  19. ऋग्वेद का कौन सा मंडल देवता सोम को समर्पित है? - नौवाँ मंडल
  20. चार वर्णों वाले समाज की जानकारी ऋग्वेद के किस मंडल से मिलती है? - दसवें मंडल से
  21. चारों वर्णों के कार्यों की जानकारी कहाँ से मिलती है? - धर्मसूत्र नामक ग्रंथ से
  22. ऋग्वेद का पाठ करने वाले क्या कहलाते हैं? - होतृ
  23. ‘खिल’ कहलाने वाली हस्तलिखित ऋचाएँ ऋग्वेद के किस मंडल में मिलती हैं? - आठवें मंडल में
  24. भारतीय संगीत का जनक किसे कहा जाता है? - सामवेद को
  25. सामवेद का पाठ करने वाले क्या कहलाते हैं? - उद्रातृ
  26. यज्ञ से संबंधित कर्मकांड के नियम किस वेद में वर्णित हैं? - यजुर्वेद
  27. कौन सा वेद ‘गायी जा सकने वाली ऋचाओं का संकलन’ कहलाता है? - सामवेद
  28. कौन सा वेद गद्य और पद्य दोनों रूपों में मौजूद है? - यजुर्वेद
  29. रोग-निवारण, तंत्रमंत्र, जादू-टोना, विवाह, अंधविश्वास आदि विषयों पर जानकारी किस वेद से मिलती है? - अथर्ववेद
  30. राजा के निर्णय को प्रभावित करने वाली संस्थाएँ कौन सी हैं? - सभा और समिति
  31. वेदांग की संख्या कितनी है? - छः
  32. भारतीय ऐतिहासिक कथाओं का सबसे अच्छा विवरण कहाँ से प्राप्त होता है? - पुराणों से
  33. किन्हें पुराण पढ़ने की अनुमति नहीं थी? - स्त्रियों एवं शूद्रों को
  34. सबसे पुराना पुराण किसे कहा जाता है? - मतस्य पुराण
  35. सबसे बड़ा पुराण किसे कहा जाता है? - ब्राह्मण पुराण
  36. किस पुराण में आंध्र सातवाहन वंश की वंशावली मिलती है? - मतस्य पुराण में
  37. मौर्य वंश की वंशावली किस पुराण से मिलती है? - विष्णु पुराण से
  38. श्री कृष्ण भक्ति से संबंधित पुराण कौन सा है? - भागवत् पुराण
  39. कौन से ब्राह्मण ग्रंथ ऋग्वेद से संबंधित हैं? - ऐतरेय तथा कौषीतकि ब्राह्यण
  40. किस ब्राह्मण ग्रंथ में स्त्री को पुरुष की अर्धांगिनी कहा गया है? - शतपथ ब्राह्मण
  41. सामवेद से संबंधित प्रमुख ब्राह्मण ग्रंथ कौन सा है? - जैमिनीय ब्राह्मण
  42. यजुर्वेद से संबंधित ब्राह्मण ग्रंथ कौन से हैं? - कृष्ण यजुर्वेद - तैतरीय ब्राह्मण, शुक्ल यजुर्वेद - शतपथ ब्राह्मण
  43. गोपथ ब्राह्मण किस वेद से संबंधित है? - अथर्ववेद
  44. सबसे प्राचीन स्मृति ग्रंथ कौन सा है? - मनुस्मृति
  45. गुप्त वंश से संबंधित स्मृति ग्रंथ कौन सा है? - नारद स्मृति
  46. भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों की कथा का संग्रह क्या कहलाता है? - जातक
  47. बौद्ध धर्म के हीनयान शाखा की प्रमुख पुस्तक कौन सी है? - कथावस्तु
  48. त्रिपिटक किसका संग्रह है? - विनयपिटक, सूत्रपिटक और अभिदम्भपिटक का
  49. महावीर स्वामी के जीवन-कृत्यों का संग्रह क्या कहलाता है? - भगवती सूत्र
  50. जैन धर्म का प्रारंभिक इतिहास किस ग्रंथ में मिलता है? - कल्पसूत्र में

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