इतिहास - एक परिचय | इतिहास सीरीज़ पोस्ट - 01 | विभिन्न प्रत्योगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण || History - An Introduction | History Series post - 01 | Important for various Competitive Exams

दोस्तों, यदि आप एसएससी, रेलवे या ऐसी ही किसी अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तयारी कर रहे हैं जिसके पाठ्यक्रम में सामान्य अध्ययन विषय शामिल है तो यह बात आपसे छिपी नहीं होगी कि अकेले इसी एक विषय का पाठ्यक्रम सबसे बड़ा होता है। इसके अंतर्गत भारत का इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था आदि खंड शामिल रहते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके लिए ‘सामान्य अध्ययन’ विषय के अंतर्गत ‘इतिहास’ खंड की एक सीरीज़ शुरू कर रहे हैं। इस सीरीज़ में आप पाएंगे इतिहास विषय के हर अध्याय के पूरे पूरे नोट्स और महत्वपूर्ण ‘वन लाइनर’ जो आपकी तयारी को मजबूत करने में आपकी मदद करेंगी।

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आइये… इतिहास सीरीज़ के इस पोस्ट को शुरू करते हैं! 
 
 
 
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इतिहास का अर्थ क्या है?


  • अतीत की घटनाओं का अध्ययन ‘इतिहास’ कहलाता है।
  • हिस्ट्री (History) शब्द का निर्माण ग्रीक भाषा के शब्द ‘Historia’ से हुआ है। इसका अर्थ है - शोध, पूछताछ, जाँच-पड़ताल आदि।
  • प्रथम इतिहासकार - हेरोडोटस (484 ई॰पू॰ से 425 ई॰पू॰)
  • हेरोडोटस द्वारा लिखित पुस्तक - ‘द हिस्ट्रीज़’ (430 ई॰पू॰) है जिसे ‘हिस्टोरिका’ नाम से भी जाना जाता है। इसमें यूनानी-ईरानी युद्धों की पृष्ठभूमि और घटनाओं को लिखा गया।
  •  हेरोडोटस को रोमी इतिहासकार ‘सिसेरो’ (106 ई॰पू॰ से 43 ई॰पू॰) द्वारा इतिहास का जनक कहा गया।
  • जर्मन इतिहासकार ‘लियोपोल्ड वॉन रान्के (1795 ई॰ से 1886 ई॰) को ‘आधुनिक इतिहास का जनक/पिता’ कहा जाता है। लियोपोल्ड का कथन - इतिहासकार का कार्य है अतीत की घटनाओं को वैसा ही वर्णित करना जैसी वे घटित हुई थी।
  • “इतिहास स्वयं को खुद दोहराता है” - जर्मन दार्शनिक हीगल (1770 - 1831 ई॰) द्वारा कथित।
  • “इतिहास स्वयं को खुद दोहराता है, पहले एक त्रासदी के रूप में और फिर एक स्वांग के रूप में” - हीगल के कथन में उक्त पंक्तियाँ जर्मन अर्थशास्त्री एवं दार्शनिक ‘कार्ल मार्क्स’ (1818 - 1883 ई॰) द्वारा जोड़ी गयीं।
  • “इतिहास अतीत और वर्तमान के बीच का अंतहीन संवाद है” - ब्रिटिश इतिहासकार ई॰ एच॰ कर (1892 - 1982 ई॰)
 

क्या होता है ईसा पूर्व तथा ईस्वी (BC/AD)?

 
  • ईसा पूर्व तथा ईस्वी सन् वर्षों की गणना के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले दो युग हैं।
  • ईसा मसीह के जन्म को आधार बनाकर इन्हें बाँटा गया है।
  • इनका उपयोग ऐतिहासिक समय सीमा को समझने और विभाजित करने में किया जाता है।
  • ईसा पूर्व (BC) का शाब्दिक अर्थ होता है ‘ईसा मसीह के पूर्व’ और इसके द्वारा ईसा मसीह के जन्म से पहले के काल खंड को दर्शाया जाता है। इस प्रकार 500 ई॰पू॰ का अर्थ है ईसा मसीह के जन्म से 500 वर्ष पूर्व का वर्ष।
  • ईसा पूर्व में वर्षों की गिनती उलटे क्रम में होती है। जैसे 500 ई॰पू॰ - 400 ई॰पू॰ - 300 ई॰पू॰। इनमें 500 ई॰पू॰ सबसे पुराना वर्ष होगा जबकि 300 ई॰पू॰ सबसे हाल का वर्ष होगा।
  • ईस्वी या ईसा पश्चात (AD) लैटिन भाषा के पद ‘एनो डॉमिनी’ का संक्षिप्त रूप है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘प्रभु के वर्ष में’ और इसके द्वारा ईसा मसीह के जन्म के बाद के काल खंड को दर्शाया जाता है। इस प्रकार 360 ई॰ का अर्थ है ईसा मसीह के जन्म के 360 वर्ष बाद का वर्ष।
  • ईस्वी या ईसा पश्चात में वर्षों की गिनती सीधे या बढ़ते क्रम में होती है। जैसे 500 ई॰ - 800 ई॰ - 1030 ई॰। इनमें 500 ई॰ सबसे पुराना वर्ष होगा जबकि 1030 ई॰ सबसे हाल का वर्ष होगा।
  • आधुनिक दौर में धार्मिक संदर्भों तथा विवादों से बचने के लिए धर्मनिरपेक्ष रूप में BC के स्थान पर BCE जिसका शाब्दिक अर्थ ‘सामान्य युग से पूर्व’ और AD के स्थान पर CE जिसका शाब्दिक अर्थ ‘सामान्य युग में’ होता है का प्रयोग किया जाता है।
  • ‘ईसा पूर्व - ईस्वी’ और ‘सामान्य युग पूर्व - सामान्य युग में’ गणना पद्धति में कोई अंतर नहीं है। अर्थात 500 ई॰पू॰ और 500 BCE दोनों एक ही वर्ष को इंगित करते हैं।

 

इतिहास के प्रमुख युग - एक नजर


  • कलियुग - लगभग 3101 ई॰पू॰, महाभारत युद्ध के लगभग 20 वर्ष पश्चात्
  • सप्तऋषि/लौकिक युग - 3076 ई॰पू॰, कलियुग प्रारंभ के लगभग 25 वर्ष बाद
  • विक्रम युग - राजा विक्रमादित्य द्वारा 57 ई॰पू॰ में शुरू किया गया था।
  • शक युग - राजा कनिष्क द्वारा 78 ई॰ में (भारत सरकार द्वारा ग्रेगोरियन कैलेंडर के अलावा शक संवत को आधिकारिक कैलेंडर के रूप में स्वीकार किया गया है।)
  • कल्चुरी युग - अभीर राजा ईश्वर सेन, त्रैकूट शासक एवं चेदी के कल्चुरी राजाओं द्वारा 248 ई॰ में प्रयोग
  • गुप्त युग - गुप्त राजा चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा 319 ई॰
  • हर्ष युग - कन्नौज राजा हर्षवर्धन द्वारा 606 ई॰
  • हिजरी - इस्लामी जगत के दूसरे खलीफा उमर द्वारा 622 ई॰ में, पैगंबर साहब की मक्का से मदीना की यात्रा (हिजरत) से जुड़ा है।
  • कोल्लम - केरल मालाबार, 825 ई॰
  • नेवारी/नेपाली - जयदेव माल द्वारा 875 ई॰
  • चालुक्य - कल्याणी, विक्रमादित्य-6, 1076 ई॰
  • लक्ष्मण - बंगाल के शासक लक्ष्मण सेन द्वारा 1119 ई॰
  • इलाही - मुगल शासक अकबर द्वारा 1556 ई॰ में शुरू। 1658 ई॰ में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा समाप्त किया गया।
  • राजशक - छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा राज्याभिषेक के अवसर पर 1673 ई॰ में शुरू किया गया।
 

आज आपने क्या सीखा (महत्वपूर्ण वन लाइनर)?


  • इतिहास किसे कहते हैं? - अतीत की घटनाओं के अध्ययन को
  • विश्व का प्रथम इतिहासकार किसे माना जाता है? - यूनानी इतिहासकार हेरोडोटस को
  • ‘द हिस्ट्रीज़’ या ‘हिस्टोरिका’ पुस्तक के लेखक कौन हैं? -  हेरोडोटस
  • इतिहास का जनक या इतिहास का पिता किसे कहा जाता है? - हेरोडोटस
  • हेरोडोटस को ‘इतिहास का जनक’ किसके द्वारा कहा गया है? - रोमी इतिहासकार सिसेरो द्वारा
  • ‘इतिहास स्वयं को खुद दोहराता है’ कथन किसका है? - जर्मन दार्शनिक हीगल द्वारा
  • ‘इतिहास अतीत और वर्तमान के बीच का अंतहीन संवाद है’ किसका कथन है? - ब्रिटिश इतिहासकार ई॰ एच॰ कर
  • दार्शनिक हीगल के कथन में ‘त्रासदी’ और ‘स्वांग’ पंक्तियाँ किसने जोड़ी हैं? - जर्मन अर्थशास्त्री एवं दार्शनिक कार्ल मार्क्स
  • ईसा पूर्व तथा ईस्वी का धर्मनिरपेक्ष रूप क्या है? - सामान्य युग पूर्व तथा सामान्य युग में

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